समय से गन्ना का भुगतान न होने के कारण किसान बेहद परेशान

हापुड़ के डी एम ने समय से गन्ने का भुगतान न करने के लिए गन्ना अधिकारियों को डांट लगाई है, साथ ही किसान दिवाली से पहले गन्ना के भुगतान न होने से बेहद हताश और रोष में हैं। किसानों को पूर्व के सत्र का भी भुगतान नहीं हो पाया है, तो निश्चित रूप से अगले सत्र के भुगतान में विलम्ब होगा। किसान भुगतान में विलंब से बेहद नाखुश तो हैं ही, उनकी आजीविका के लिए भी मुश्किल हो रही है। हापुड़ जिले के गन्ना किसानों की दिवाली इस बार भी फीकी रहेगी, क्योंकि समय से किसानों का भुगतान न होने की वजह से उनको दिवाली के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने में बहुत दिक्कत होगी। बतादें कि पिछले सत्र से नए सत्र तक कोई भी भुगतान नहीं हो पाया है, जो कि काफी हद तक बहुत गलत है। किसानों को फसल के लिए पूर्व में धन लगाना होता है, जिसके लिए वह कर्ज लेकर फसल को तैयार करते हैं। किसानों की भुगतान न करने के बारे में शिकायत पर हापुड़ के डीएम ने गन्ना अधिकारियों को कसकर डांट लगाई है, जिसके बाद अधिकारियों ने ९ करोड़ का भुगतान कर खुद को कानून की मार से बचा लिया था।


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गन्ना किसानों ने क्या मांग रखी है ?

हापुड़ के गन्ना किसानों के द्वारा गन्ना आयुक्त से केंद्र परिवर्तन की मांग की जा चुकी है, जिसके लिए वह गन्ना समिति के सचिवों के समक्ष प्रस्ताव रख चुके हैं, यह प्रस्ताव गन्ना आयुक्त के पास पहुंच भी चुका है। दिवाली की तैयारी में बाजार रंगीन हो गए हैं, लेकिन किसान बेरंग नजर आ रहे हैं। साथ ही अब वैवाहिक दौर भी चालू होने वाला है। किसान इन सभी कार्यों के लिए कहाँ से धन एकत्रित करे, ऐसे में किसान कर्ज की मार से भी बहुत प्रभावित होगा, क्योंकि चीनी मिलों ने अभी भी सत्र 2021 -22 का करीब 213 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया है। इस बार गन्ना पेराई सत्र 27 अक्टूबर से प्रारम्भ होने की योजना थी, लेकिन गन्ना में चीनी की रिकवरी औसत से कम आने के कारण पेराई सत्र देरी से प्रारम्भ करने का फैसला लिया है। अनुमानतः 2 नवम्बर से चीनी मिलों को प्रारम्भ किया जाएगा।

गन्ना अधिकारियों का क्या कहना है ?

गन्ना अधिकारियों की लापहरवाही से इस बार भी किसानों की दिवाली खुशनुमा नहीं हो सकेगी। हालाँकि, जिला गन्ना अधिकारी निधि गुप्ता का कहना है कि चीनी मिलों पर भुगतान को लेकर पूर्ण सजगता बरती जा रही है, निरंतर भुगतान की प्रक्रिया चालू है। गन्ना किसानों को मायूस नहीं होने दिया जाएगा, जल्द ही अवशेष भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, सत्र 2021-22 के लिए सिम्भावली में 331.89 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि 169.78 करोड़ का भुगतान अवशेष है। ब्रजनाथपुर में 150.29 करोड़ का भुगतान कर दिया है, लेकिन 42.27 करोड़ रुपये का भुगतान बचा हुआ है.